जीवन
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भूतकाल को याद ना करना
वर्तमान खुश होकर रहना
भविष्य के अपने सपने गढ़ना
ईश्वर को अपने दिल में रखना
जीवन सुखमय सदा रहेगा
मन बगिया में मधुमास रहेगा
मृत्यु एक अभिराम सत्य है
मृत्यु आये तो कभी ना डरना
भूतकाल को याद ना करना
मानव जीवन एकदम नश्वर है
राम नाम केवल एक स्वर है
कर्म सदा अच्छे ही करना
फल की तुम चिन्ता मत करना
फल तो ईश्वर को ही देना है
आज नहीं तो कल देना है
विश्वास सदा ईश्वर पर रखना
भूतकाल को याद ना करना
तेरा कुछ भी नहीं है जग में
ईश्वर बैठा तेरे रग रग में
सांसें भी ईश्वर ने दी हैं
वो भी तो निश्चित कर दी हैं
पता नहीं है कितनी दी हैं
एक दिन तुमको पड़ेगा जाना जाने का पश्चाताप ना करना
भूतकाल को याद ना करना।
वसुन्धरा एक रंगमंच है
हर जीव को बस
अभिनय करना है
कठपुतली बन कर रहना है
जितना तुमको समय मिला है
बस उतने दिन ही रहना है
ईश्वर का सब दिया हुआ है
अहंकार मन में मत रखना
भूतकाल को याद ना करना
स्वरचित:- विद्या शंकर अवस्थी पथिक कानपुर
Shashank मणि Yadava 'सनम'
29-Sep-2022 08:43 PM
बहुत ही सुंदर सृजन और अभिव्यक्ति एकदम उत्कृष्ठ
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आँचल सोनी 'हिया'
07-Sep-2022 10:13 PM
Bahut khoob 🙏🌺
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Raziya bano
07-Sep-2022 03:30 PM
Bahut khub
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